गांधी जी - खुद वह बदलाव बने जिसे आप दुनिया में देखना चाहते हैं ।
" दूसरों को बदलने का विचार हमेशा ही गलत हैं क्योंकि कोई किसी को बदल नहीं सकता । कुछ लोगों को दूसरों की लाइफ़स्टाइल से एतराज रहता है तो किसी को किसी के कपड़ों से ,किसी को दूसरों के धर्म की मान्यताओं से , तो किसी को दूसरों के खुदा से । सबसे जायदा ऐसे ही लोग व्यंग करते नज़र आते है । लेकिन खुद जाकर व्यक्ति को बदलने की कभी कोशिस नहीं करते क्योंकि वो जानते हैं की यह व्यक्ति की स्वतंत्रा एवं निजता को भंग करने जेसा है और उन्हें जवाब केसा मिलेगा ।
व्यक्ति को सिर्फ व्यक्ति स्वयं ही बदल सकता हैं अगर वो खुद चाहे तो नहीं तो कोई भी नहीं । और व्यक्ति सिर्फ दो कारणों से बदलता है यदि उसे कोई चीज़ लाभ-दायक लगती है या फिर वो आध्यात्मिक मार्ग पर चल रहा हों । गुरु तो सिर्फ अंतर ही बता सकते हैं । इसलिए व्यक्ति को खुद को ही बदलने का प्रयास करना चाहिए दूसरों को नहीं " ।
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